D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02 एक उदाहरण देकर साबित करें कि गणित एक तार्किक है।
Ravi Kant Bhakat:
D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02
प्रश्न:- एक उदाहरण दे कर साबित करें कि गणित तार्किक है।
उत्तर :- तर्क के आधार पर बहुत से गणितीय समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। गणित के विभिन्न शाखा जैसे अंक गणित, बीजगणित, ज्यामितीय आदि के विभिन्न प्रकार के समस्या को तर्क के अवधारणा के आधार पर परिभाषित करते हुए समाधान या निष्कर्ष निकाला जा सकता है। ज्यामितीय प्रमेय हो या अनुप्रयोग का सत्यापन तर्क के अवधारणा से समाधान किया जा सकता है।
जैसे-
जैसे कि हम सब जानते हैं,
1 + 1 = 3 कभी नहीं हो सकता। लेकिन हम सब जानते हैं, गणित एक तार्किक है। अतः तर्क के सहारे हैं साबित करेंगे कि एक और एक जोड़ने से तीन आता है।
जैसे कि हम जानते हैं
2 + 2 = 4 होता है। और
- 5 + 5 = 0
अतः 4 के साथ - 5 + 5 जोड़ने से 4 का मान में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इसलिए
2 + 2 = 4 - 5 +5 लिख सकते हैं।
पुनः हम जानते हैं कि
a = √(a)² होता है।
2 + 2 = √( 4 - 5 )² + 5 लिख सकते हैं।
फिर √( a - b )² = a² - 2ab + b² होता है। अतः
2 + 2 = √(4² - 2x4x5 + 5²) + 5 होगा।
या 2 + 2 = √( 16 - 40 + 25 ) + 5
या 2 + 2 = √( 41 - 40 ) + 5
या 2 + 2 =√1 + 5
या 2 + 2 = 1 + 5
इसके बाद दोनों पक्ष को 2 से भागा देने पर
(2 + 2 ) / 2 = ( 1 + 5 )/2
या 4 / 2 = 6 / 2
या 2 = 3
या 1 + 1 = 3 proved.
जो सत्य नहीं है, फिर भी गणितीय तर्क दे कर साबित किया गया।
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D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02
प्रश्न:- एक उदाहरण दे कर साबित करें कि गणित तार्किक है।
उत्तर :- तर्क के आधार पर बहुत से गणितीय समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। गणित के विभिन्न शाखा जैसे अंक गणित, बीजगणित, ज्यामितीय आदि के विभिन्न प्रकार के समस्या को तर्क के अवधारणा के आधार पर परिभाषित करते हुए समाधान या निष्कर्ष निकाला जा सकता है। ज्यामितीय प्रमेय हो या अनुप्रयोग का सत्यापन तर्क के अवधारणा से समाधान किया जा सकता है।
जैसे-
जैसे कि हम सब जानते हैं,
1 + 1 = 3 कभी नहीं हो सकता। लेकिन हम सब जानते हैं, गणित एक तार्किक है। अतः तर्क के सहारे हैं साबित करेंगे कि एक और एक जोड़ने से तीन आता है।
जैसे कि हम जानते हैं
2 + 2 = 4 होता है। और
- 5 + 5 = 0
अतः 4 के साथ - 5 + 5 जोड़ने से 4 का मान में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इसलिए
2 + 2 = 4 - 5 +5 लिख सकते हैं।
पुनः हम जानते हैं कि
a = √(a)² होता है।
2 + 2 = √( 4 - 5 )² + 5 लिख सकते हैं।
फिर √( a - b )² = a² - 2ab + b² होता है। अतः
2 + 2 = √(4² - 2x4x5 + 5²) + 5 होगा।
या 2 + 2 = √( 16 - 40 + 25 ) + 5
या 2 + 2 = √( 41 - 40 ) + 5
या 2 + 2 =√1 + 5
या 2 + 2 = 1 + 5
इसके बाद दोनों पक्ष को 2 से भागा देने पर
(2 + 2 ) / 2 = ( 1 + 5 )/2
या 4 / 2 = 6 / 2
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