D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 विश्लेषणात्मक विधि ( Analytic Method) से क्या समझते हैं ?'.इस विधि की प्रकृति का वर्णन करें।
Ravi Kant Bhakat:
D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04
प्रश्न:- विश्लेषणात्मक विधि ( Analytic Method) से क्या समझते हैं ? इस विधि की प्रकृति का वर्णन करें।
उत्तर:- जिस शिक्षण विधि द्वारा बच्चों को पहले वाक्य सिखाने के पश्चात शब्द फिर अंत में अक्षर सिखाया जाता है अर्थात पुर्ण से अंग प्रत्यंग का या अज्ञात से ज्ञात की अधिगम कराता है उस विधि को विश्लेषणात्मक विधि ( Analytic Method) कहा जाता है।
इस विधि की प्रकृति का निम्न प्रकार है-
1. यह विधि निष्कर्ष से परिकल्पना की ओर अग्रसारित होता है।
जैसे- त्रिभुज की तीनों कोणों का योगफल 180° होता है।
अर्थात यदि त्रिभुज के तीनों कोण क्रमशः A, B तथा C है, और तीनों कोण बराबर है, तो A=B=C होगा।
तो निष्कर्ष के अनुसार
A+B+C =180°
चूंकि A,B तथा C बराबर है तो
A+A+A =180° लिख सकते हैं।
या, 3A=180°
या, A=(180/3)°
या, A= 60°
यानी त्रिभुज की तीनों भुजाओं का माप समान अर्थात
A = 60 B = 60 C = 60 है, जो 180° के बराबर है।
2. यह विधि अज्ञात से ज्ञात की ओर चलती है ।
जैसे, खुशी की उम्र उसकी मां मोनी की उम्र तीन गुणा से पाँच वर्ष अधिक है। यदि खुशी की वर्तमान उम्र 11 वर्ष है तो उसकी मां मोनी की उम्र कितनी होगी ?
इस अज्ञात समस्या से ज्ञात की ओर जा कर मोनी का उम्र निकलना है।
मान लेते हैं
खुशी की उम्र = n वर्ष = 11 वर्ष, तथा मोनी की उम्र = m वर्ष = ? वर्ष
समस्या के अनुसार-
m = 3n + 5
या, m = 3 x 11 + 5
या, m = 33 + 5
या। m = 38 वर्ष।
3.यह विधि जाँच के आधार पर नहीं सत्य की खोज की तरह है।
जैसे, C सत्य है यदि B सत्य है, B सत्य है, यदि A सत्य है। अर्थात C अज्ञात से A ज्ञात की खोज B की सत्यता से किया गया।
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D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04
प्रश्न:- विश्लेषणात्मक विधि ( Analytic Method) से क्या समझते हैं ? इस विधि की प्रकृति का वर्णन करें।
उत्तर:- जिस शिक्षण विधि द्वारा बच्चों को पहले वाक्य सिखाने के पश्चात शब्द फिर अंत में अक्षर सिखाया जाता है अर्थात पुर्ण से अंग प्रत्यंग का या अज्ञात से ज्ञात की अधिगम कराता है उस विधि को विश्लेषणात्मक विधि ( Analytic Method) कहा जाता है।
इस विधि की प्रकृति का निम्न प्रकार है-
1. यह विधि निष्कर्ष से परिकल्पना की ओर अग्रसारित होता है।
जैसे- त्रिभुज की तीनों कोणों का योगफल 180° होता है।
अर्थात यदि त्रिभुज के तीनों कोण क्रमशः A, B तथा C है, और तीनों कोण बराबर है, तो A=B=C होगा।
तो निष्कर्ष के अनुसार
A+B+C =180°
चूंकि A,B तथा C बराबर है तो
A+A+A =180° लिख सकते हैं।
या, 3A=180°
या, A=(180/3)°
या, A= 60°
यानी त्रिभुज की तीनों भुजाओं का माप समान अर्थात
A = 60 B = 60 C = 60 है, जो 180° के बराबर है।
2. यह विधि अज्ञात से ज्ञात की ओर चलती है ।
जैसे, खुशी की उम्र उसकी मां मोनी की उम्र तीन गुणा से पाँच वर्ष अधिक है। यदि खुशी की वर्तमान उम्र 11 वर्ष है तो उसकी मां मोनी की उम्र कितनी होगी ?
इस अज्ञात समस्या से ज्ञात की ओर जा कर मोनी का उम्र निकलना है।
मान लेते हैं
खुशी की उम्र = n वर्ष = 11 वर्ष, तथा मोनी की उम्र = m वर्ष = ? वर्ष
समस्या के अनुसार-
m = 3n + 5
या, m = 3 x 11 + 5
या, m = 33 + 5
या। m = 38 वर्ष।
3.यह विधि जाँच के आधार पर नहीं सत्य की खोज की तरह है।
जैसे, C सत्य है यदि B सत्य है, B सत्य है, यदि A सत्य है। अर्थात C अज्ञात से A ज्ञात की खोज B की सत्यता से किया गया।
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