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Showing posts from August, 2018

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04, निगमन विधि ( deductive method )क्या है ? एक उदाहरण के साथ समझायें।

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 प्रश्न:- निगमन विधि ( deductive method )क्या है ? एक उदाहरण के साथ समझायें। उत्तर:-  जिस शिक्षण विधि के द्वारा बच्चा सामान्य से विशिष्ट की ओर, सूत्र से उदाहरण की ओर तथा मूर्त से अमूर्त की ओर अधिगम प्राप्त करता है उसे निगमन विधि ( Dedictive method )कहते हैं।  उदाहरण:- (102 )² = ? इसका हल प्राप्त करने लिए निगमन विधि के अनुसार निम्नलिखित सूत्र का सहारा लेना पड़ेगा। ( a + b )² = a²+2ab +b²  a और b का मान प्राप्त करने के लिए 102=100 + 2  लिख सकते हैं। जहां   a=100 b= 2 मान लेतें हैं और  तथा a और b का मन रखने पर  = 100²+2X100X2+ 2² = 10000+400 +4 = 10404 Ans.                        © Please like and comments for                   more answer     अधिक प्रश्नोत्तर के लिए like और                   comments करें।     ...

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04, Simplify 5/6÷30/36 X 1/2÷1/2+1-1

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 Simplify- 5/6÷30/36 X  1/2÷1/2 +1-1 Step :- 01. प्रश्न में ÷, ×, + और - का प्रयोग किया गया है, इसलिए BODMAS का नियम से समाधान  करना होगा। 5/6÷30/36 X 1/2÷1/2 +1-1 Step:- 02.         5/6÷36/30 और 1/2÷1/2   को बज्र गुणन ( Cross  multiplication ) करना है-- = 5/6 X 36/30 X 1/2 X 2/2 +1-1 Step- 03.          = 6/6 X 1 X 1 +1-1 Step-04        = 1 X 1 X 1+1-1 =1+1-1 = 2-1 = 1 Ans.                        © Please like and comments for                   more answer     अधिक प्रश्नोत्तर के लिए like और                   comments करें।                                 ...

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02, विषम संख्याओं के वर्ग के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकल सकते हैं ?

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02 प्रश्न:- विषम संख्याओं के वर्ग के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकल सकते हैं ? उत्तर:- वे प्राकृतिक संख्याएँ जिसमें दो से भाग देने से एक शेष बचे अर्थात संख्या पूरा पूरा विभाजित न हो उसे विषम संख्याऐं ( Odd numbers ) कहते हैं। जैसे- 1, 3, 5, 7, 9, .......आदि। इन विषम संख्याओं का वर्ग (1)²= 1, जो एक विषम संख्या है। (3)² = 9, जो एक विषम संख्या है। (5)² = 25,जो एक विषम संख्या है। (7)² = 49, जो एक विषम संख्या है। (9)² = 81, जो एक विषम संख्या है।         इससे निम्नलिखित निष्कर्ष निकाला जा सकता है--- 1. विषम संख्या 1, 3, 5, 7, 9, ........का विषम का वर्ग मूल क्रमश 1, 9, 25, 49, 81 आदि है। 2. वर्ग मूल 9, 25, 49 81........आदि  Qभी एक विषम संख्या है। 3. विषम संख्याओं का वर्ग एक बिषम संख्या होती है ।

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 आगमन विधि ( Inductive method ) क्या है ?

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 प्रश्न:- आगमन विधि ( Inductive method ) क्या है ? उत्तर:- आगमन विधि ( Inductive-deductive method ) - गणित शिखने वह विधि जिसके द्वारा किसी विषयवस्तु को तर्क के साथ  विशेष उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए नियम या सिद्धान्त का उत्पन्न का अधिगम किया जाता है,उसे आगमन विधि  ( Inductive method ) कहा जाता है।     जैसे कि - 1. विषम संख्या का वर्ग एक विषम संख्या होती है। 2. सम संख्या का वर्ग एक सम संख्या होती है। 3. दो विषम संख्याओं का योगफल एक सम संख्या होती है। 4. दो आसन्न कोणों का माप दो समकोण के बराबर होता है। ©Pl Plea comment and share.

D.El.Ed., Course 504, Block -01, शिक्षण की सबसे पुरानी और मौलिक विधि क्या है ?

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, प्रश्न:- शिक्षण की सबसे पुरानी और मौलिक विधि क्या है ? उत्तर:- आगमन-निगमन विधि ( Inductive-deductive method )                        © Please like and comments for                   more answer     अधिक प्रश्नोत्तर के लिए like और                   comments करें।                                                         Thanks                           

D.El.Ed., Course 504, Block -01, दो आसन्न कोणों की मापों के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकल सकते हैं ?

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, प्रश्न:-दो आसन्न कोणों ( Adjacent angle ) की मापों के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकल सकते हैं ? उत्तर:      दो कोण जिसका एक भुजा उभयनिष्ठ हो तथा एक ही शीर्ष पर अवस्थित हो तो दोनों कोण को आसन्न कोण ( Adjacent Angle ) कहते हैं। आसन्न कोण के मापों के बारे में निम्नलिखित निष्कर्ष निकाला जा सकता है - 1. दोनो आसन्न कोण एक ही रेखा पर स्थित होता है। 2. दोनो आसन्न कोणों का एक रेखा उभयनिष्ठ होता है। 3. दोनो आसन्न कोनों का एक ही शीर्ष होता है। 4. दोनो आसन्न कोणों का माप 180 डिग्री का होता है। 5. दोनो आसन्न कोणों का माप दो समकोण के बराबर होता है।                        © Please like and comments for                 more answer     अधिक प्रश्नोत्तर के लिए like और                comments करें।                     ...

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 प्रारंभिक स्तर पर गणित शिक्षण एवं अधिगम की विधियाँ क्या है ?

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 प्रश्न- प्रारंभिक स्तर पर गणित शिक्षण एवं अधिगम की विधियाँ क्या है ? उत्तर:-      प्रारंभिक स्तर पर गणित शिक्षण एवं अधिगम की निम्नलिखित विधियाँ है :- 1. आगमन विधि ( Inductive method ) 2. निगमन विधि ( Deductive method ) 3. विश्लेषणात्मक विधि ( Analytic method ) 4. संश्लेषणात्मक विवि ( Synthetic method ) 5. परियोजना विधि ( Project method) 6. समस्या निर्माण विधि (Problem posing method) 7. समस्या समाधान विधि ( Problem solving                   method ) 8. समस्या प्रस्तुतिकरण विधि ( Problem posing              method )                        © Please like and comments for                 more answer     अधिक प्रश्नोत्तर के लिए like और                comments क...

D.El.Ed., Course 504, Block -01, गणितीय अधिगम की अवधारणा को दैनिक जीवन के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है ?

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, Q. 01. गणितीय अधिगम की अवधारणा को दैनिक जीवन के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है ? उत्तर:-        प्रारंभिक स्तर के गणित में जो अवधारणायें सामिल किया गया है वह अवधारणा बच्चों के वास्तविक जीवन के मूर्त अनुभवों से गहरा संबंध है।  इसलिए बच्चों को उनके अनुभवों , उनके योग्यता, तर्क के साथ विश्लेषण करने की क्षमता तथा समस्या का निष्कर्ष प्राप्त करने की क्षमता विकसित कर दैनिक जीवन के साथ गणितीय अवधारणा को जोड़ा जा सकता है।                        © Please like and comments for                   more answer     अधिक प्रश्नोत्तर के लिए like और                   comments करें।                                                   ...

D.El.Ed. Course 504 Unit 03 का सम्भावित महत्वपूर्ण प्रश्न

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed Course 504 Unit- 03 गणित शिक्षा के उद्देश्य एवं परिप्रेक्ष्य महत्वपूर्ण प्रश्न:- 1. ईश्वर एक सर्वोच्च गणितज्ञ है। किसने   कहा था ? 2. गणित को एक कठिन विषय क्यों माना  जाता है ? 3. गणित शिक्षा के उद्देश्य क्या है ? 4. उन क्षेत्रों एवं कार्यों को लिखिए जहाँ  गणित एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 5. आप क्यों सोचते हैं कि बच्चों को  गणित सीखना चाहिए ? 6. बच्चों में क्षमता का विकास कैसे होता   है ? 7. समस्या समाधान विधि ( Problem Solving Method )द्वारा बच्चों में  कौशल विकास के महत्व पर प्रकाश  डालिये। 8. अवेषणात्मक विधि ( Heuristics  Method ) क्या है ?  बच्चों में क्षमता  विकास के लिए अंवेषणात्मकता का यो गदान पर चर्चा करें। 9. बच्चों में कौशल विकास के लिए  अनुमान (Estimation ) एवं  सन्निकटन (Approximation )  का क्या योनदान है ? 10. समुचित उपयोगिता ( Optimization ) क्या है ? इसे  विद्यालय के पाठ्यक्रम में क्यों नहीं  शामिल किया गया ? 11. "गणित तर्क एवं प्रमाणो...

D.El.Ed., Course 504, Block -01, समुचित उपयोगिता ( Optimization ) क्या है ? इसे विद्यालय के गणित पाठ्यक्रम में क्यों नहीं शामिल किया गया ?

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, प्रश्न:- समुचित उपयोगिता ( Optimization ) क्या है ? इसे विद्यालय के गणित पाठ्यक्रम में क्यों नहीं शामिल किया गया ? उत्तर:-        अधिगम कर्ता के समक्ष उपलब्ध संसाधनों एवं परिस्थितियों का समुचित एवं पूर्णतम उपयोग करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करने की विधि को समुचित उपयोगिता कहा जाता है।      समुचित उपयोगिता विधि को विद्यालय के गणित पाठ्यक्रम में शामिल नहीं करने का कारण एक उदाहरण से समझा जा सकता है:-     प्रियरंजन का वार्षिक आय ₹ 3 लाख रुपये है। वह  ₹ 21 लाख रुपये का घर बिना ऋण लिए कितने वषों में खरीद पायेगा ?    उक्त प्रश्न का आम तौर पर घर की कीमत / वार्षिक आय =घर खरीदने का अनुमानित वर्ष अर्थात-  21/3 = 7 वर्ष होना चाहिए। परंतु समस्या समाधान प्राप्त करने के लिए कोई शर्तों की आवश्यकता होती है।  इस प्रश्न में सिर्फ दो सूचनाएं वार्षिक आय और घर की कीमत दिया हुआ है, जो कि समस्या समाधान के लिए पर्याप्त नहीं है।घर खरीदने के जो  महत्वपूर्ण सूचना की जरूरत है वो प्रश...

D.El.Ed., Course 504, Block -01, में क्षमता विकास किस प्रकार होता है ?

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, प्रश्न:  बच्चों में क्षमता विकास किस प्रकार होता है ? उत्तर:-       बच्चों में गणितीयकरण  से क्षमता का विकास होता है। जब बच्चा अपने सभी व्यवहार एवं क्रियाकलापों को व्यवस्थित तरीके से और क्रमवद्य रूप से सिखने के पश्चात अपने आपको गणितीय सटीकता एवं तर्क के साथ प्रदर्शित करने की क्षमता प्राप्ति करने के बाद क्षमता विकास होता है।

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 अवेषणात्मक विधि ( Heuristics Method ) क्या है ? बच्चों में क्षमता विकास के लिए अंवेषणात्मकता का योगदान पर चर्चा करें ।

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 प्रश्न:-    अवेषणात्मक विधि ( Heuristics Method ) क्या है ?  बच्चों में क्षमता विकास के लिए अंवेषणात्मकता का  योगदान पर चर्चा करें। उत्तर:--       किसी भी समस्या का समाधान पाठ्य पुस्तकों में दिए गए विधि, सूत्र या सिद्यन्त को छोड़ कर नए तरीके से समस्याओं का समाधान करने को अंवेषणात्मसक बिधि कहा जाता है ।           बच्चों में क्षमता विकास मैं  अंवेषणात्मसकता का योगदान निम्न प्रकार है- 1. बच्चों में सोचने की क्षमता का विकास होता है। 2. खोज करने की प्रवृत्ति का विकास होता है। 3. बच्चों में अधिगम रुचिपूर्ण होता है। 4. बच्चा खेल खेल समस्या का समाधान कर लेता है।                        © Please like and comments for                 more answer     अधिक प्रश्नोत्तर के लिए like और                comment...

D.El.Ed., Course 504, लिखने का सही तरीका

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, D.El.Ed. परीक्षा में उत्तर लिखने का तरीका-- 1. प्रश्न एवं उत्तर के बीच गैप देना है। 2. उत्तर के बाद (---) डैश देना है। 3. छोटे छोटे पैरा में लिखना है। 4. कठिन शब्द को सरल शब्द में लिखना है। 5. पाठ को अच्छी तरह से समझ कर     अपनी भाषा में लिखना है। 6. अनावश्यक बातें न लिखकर संबंधित      बातों पर फोकस दे कर लिखना है। 7. कॉपी के बायीं तरफ हासिये छोड़ कर     लिखना है।

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 दो प्राकृत संख्याओं का HCF व LCM के बीच क्या संमंध है ?

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 प्रश्न:- दो प्राकृत संख्याओं का HCF व LCM के बीच क्या संबंध है ? उत्तर:-        दो प्राकृत संख्याओं का महत्तम समापवर्तक ( Highest Common Factor - HCF ) एवं लघुत्तम समपवर्त्य ( Lowest Common Multipe - LCM ) के बीच निम्न प्रकार संबंध है-- 1. दो प्राकृत संख्याओं के HCF दोनों संख्याओं के बराबर यह      कम होता है। 2. दो प्राकृत संख्याओं HCF उन दोनों संख्याओं से कभी भी      बड़ा नही होगा। 3. अगर दोनों सांख्य असहभाज्य हो तो HCF हमेशा 1 होगा      और LCM दोनों संख्याओं के गुणनफल के बराबर होगा। 4. दोनो संख्याओं गुणनफल उसके HCF और LCM के      गुणनफल के बराबर होता है। अर्थात-            पहली संख्या X दूसरी संख्या   = LCM X HCF. 5. दी गई दो प्राकृत संख्याओं में एक संख्या यदि दूसरी               संख्या  का गुणनखंड हो ,तो छोटी संख्या स्वयं ही HCF     ...

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02 एक उदाहरण देकर साबित करें कि गणित एक तार्किक है।

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02 प्रश्न:-  एक उदाहरण दे कर साबित करें कि गणित तार्किक है। उत्तर :- तर्क के आधार पर बहुत से गणितीय समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। गणित के विभिन्न शाखा जैसे अंक गणित, बीजगणित, ज्यामितीय आदि के विभिन्न प्रकार के समस्या को तर्क के अवधारणा के आधार पर परिभाषित करते हुए समाधान या निष्कर्ष निकाला जा सकता है। ज्यामितीय प्रमेय हो या अनुप्रयोग का सत्यापन तर्क के अवधारणा से समाधान किया जा सकता है। जैसे- जैसे कि हम सब जानते हैं, 1 + 1 = 3  कभी नहीं हो सकता। लेकिन हम सब जानते हैं, गणित एक तार्किक है। अतः तर्क के सहारे हैं साबित करेंगे कि एक  और एक जोड़ने से तीन आता है। जैसे कि हम जानते हैं 2 + 2 = 4  होता है। और - 5 + 5 = 0 अतः 4 के साथ - 5 + 5  जोड़ने से 4 का मान में कोई  परिवर्तन नहीं होगा। इसलिए 2 + 2 = 4 - 5 +5 लिख सकते हैं। पुनः हम जानते हैं कि a = √(a)² होता है। 2 + 2 = √( 4 - 5 )² + 5  लिख सकते हैं। फिर √( a - b )² = a² - 2ab + b² होता है। अतः 2 + 2 = √(4² - ...

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02 निगमित तर्क क्या है ? निगमित तर्क का प्रयोग करके सिद्ध करें कि दो विषम संख्याओं का योग एक सम संख्या है।

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02 प्रश्न:- निगमित तर्क क्या है ? निगमित तर्क का प्रयोग करके सिद्ध करें कि दो विषम संख्याओं का योग एक सम संख्या है। उत्तर:- जिस तर्क के द्वारा किसी ज्ञात परिणामों, परिभाषाओं तथा नियोमों का प्रयोग करके किसी कथन की सत्यता का सत्यापन तथा जाँच किया जाता है, उसे निगमित तर्क ( Corporate  logic ) कहते हैं।       जैसे विषम संख्या और योग की अवधारणा को लेकर निगमित तर्क के सहारे इसके परिणामों की सत्यता सिद्ध कर सकते हैं। मान लिया पहला विषम संख्या = 2n₁+1 एवं दूसरा विषम संख्या =2n₂+1 है। जहाँ n₁ और n₂ एक सम प्रकृतिक संखया है और सैम संख्या के साथ एक जोड़ने से विषम प्रकृतिक संख्या प्राप्त होता है। निगमित तर्क के सहारे साबित करना है (2n₁+1)+(2n+1=m जहाँ m= एक सम प्रकृतिक संख्या है। मान लिया n₁=2  और n₂=4  हो तो          2n₁+1= 2 x 2+1=4+1=5 और          2n₂+1= 2 x 4+1=8+1=9 होगा। इसका मान निम्न समीकरण में रखने पर        (2n₁+1)+(2n₂+1)=m या, ...

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02 गणित तार्किक है। कैसे।? वर्णन करें।/ Description how Mathematics is logical ?

Ravi Kant Bhakat: D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 04 प्रश्न:-01. ' गणित तार्किक है । ' कैसे ? वर्णन करें। उत्तर :- C G Hempei के अनुसार गणित एक तार्किक विषय है। तर्क के आधार पर बहुत से गणितीय समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। गणित के विभिन्न शाखा जैसे अंक गणित, बीजगणित, ज्यामितीय आदि के विभिन्न प्रकार के समस्या को तर्क के अवधारणा के आधार पर परिभाषित करते हुए समाधान या निष्कर्ष निकाला जा सकता है। ज्यामितीय प्रमेय हो या अनुप्रयोग का सत्यापन तर्क के अवधारणा से समाधान किया जा सकता है।        किसी भी समस्या का ज्ञात परिणामों, परिभाषाओं तथा नियमों का प्रयोग से किसी कथन या समस्याओं की सत्यता की जांच किया जा सकता है। जैसे-     (1) दो सम संख्याओं का योग एक सम संख्या होता है।     (2) दो विषम संख्याओं का योग एक सम संख्या होता है।     (3) एक सम संख्या तथा एक विषम संख्या का योग एक  विषम संख्या होता है।                        © Please like and comments for...

D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02 गणित की प्रकृति क्या है ?/ What is the nature of mathematics ?

Ravi  Kant Bharat D.El.Ed., Course 504, Block -01, Unit - 02 पाठ 2.2 (504 यूनिट 2) प्रश्न- गणित की प्रकृति क्या है ? What is the nature of mathematics ? उत्तर:- गणित की प्रकृति निम्न प्रकार है- 01. गणित तार्किक है। Mathematics is logical. 02. गणित चिन्हात्मक है। Mathematics is symbolic. 03. गणित सटीक है। Mathematics is accurate. 04. गणित संरचनाओं का अध्ययन है। Mathematics is Study of  structures. 05. गणित अमूर्त की ओर लक्ष्य करता है। Mathematics focuses on abstract abstractions.                        © Please like and comments for                   more answer     अधिक प्रश्नोत्तर के लिए like और                   comments करें।                                           ...

प्याज़े का संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत का वर्णन करें।/ Explain theory of cognitive development of Jon Piyaje.

Ravi Kant Bhakat: प्रश्न:- प्याज़े का संज्ञानात्मक विकास सिद्धान् का वर्णन करे। उत्तर:- प्याज़े का संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त :-         ज्यां प्याज़े द्वारा दिया गया संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त (theory of cognitive development) मानव बुद्धि की प्रकृति एवं उसके विकास से सम्बन्धित एक महान एवं महत्वपूर्ण सिद्धान्त है। प्याज़े का मानना था,वचपन व्यक्ति के विकास में एक  महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह सिद्धान्त ज्ञान की प्रकृति के बारे में है और बतलाता है कि मानव कैसे ज्ञान क्रमशः इसका अर्जन करता है, कैसे इसे एक-एक कर जोड़ता है और कैसे इसका उपयोग करता है।          व्यक्ति वातावरण के तत्वों का प्रत्यक्षीकरण करता है; अर्थात् पहचानता है, प्रतीकों की सहायता से उन्हें समझने की कोशिश करता है तथा संबंधित वस्तु/व्यक्ति के संदर्भ में अमूर्त यानी काल्पनिक चिन्तन करता है।          उक्त सभी प्रक्रियाओं से मिलकर उसके भीतर एक ज्ञान भण्डार या संज्ञानात्मक संरचना उसके व्यवहार को निर्देशित करती हैं। इस प्रकार हम कह स...

Course 504 unit 01 का कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

Ravi Kant Bhakat: पाठगत प्रश्न:- 1. बच्चों के मन में गणित विषय पर भय पैदा होने का सम्भावित कारणों को उल्लेख करें। 2. बच्चों के मस्तिष्क की व्याख्या करने का सटीक तरीका क्या है ? 3. अवबोधन (perception) से क्या समझते हैं ?  बच्चों की सोचने की प्रक्रिया में अवबोधन का महत्व पर प्रकास डालें। 4. निरूपण ( Representation) क्या है ?  यह बच्चों की सोचने की प्रक्रिया में किस प्रकार योगदान करता है ? 5. आत्मसात्करण (Assimilation) से क्या तात्पर्य है ? संज्ञानात्मक विकास में इसका क्या महत्व है ? 6. समायोजन (Accomodation) क्या है ? संज्ञानात्मक विकास में इसका योगदान क्या है ? 7. अनुकूलन (Adaptation) क्या है ? संज्ञानात्मक प्रक्रिया में इसका अवदान क्या है ? 8. साम्मिकरण (Equilibration) से क्या समझते हैं ? इसके बिना बच्चों को संज्ञानात्मक विकास की अवधारणा सम्भव नहीं है, कैसे ?                        © Please like and comments for                   more answer   ...

Course 504 संज्ञानात्मक विकास से क्या तात्पर्य है ? What do you mean by Cognitive Development ?

Ravi Kant Bhakat: प्रश्न:--संज्ञानात्मक विकास  से  क्या तात्पर्य है ?  What do you mean by  Cognitive Development ? उत्तर:--संज्ञानात्मक विकास (Cognitive development) तंत्रिकाविज्ञान तथा  मनोविज्ञान का एक अध्ययन क्षेत्र है जिसमें बच्चों द्वारा सूचना आदान प्रदान, भाषा सीखने, तथा ज्ञान के विकास के अन्य पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है। संज्ञान (कॉग्नीशन) से तात्पर्य मन की उन आन्तरिक प्रक्रियाओं और उत्पादों से है, जो जानने की ओर ले जाती हैं। इसमें सभी मानसिक गतिविधियाँ शामिल रहती हैं- ध्यान देना, याद करना, सांकेतीकरण, वर्गीकरण, योजना बनाना, विवेचना, समस्या हल करना, सृजन करना और कल्पना करना। निश्चित मनुष्यों के द्वारा किये जाने वाले लगभग किसी भी कार्य में मानसिक प्रक्रियाएँ शामिल हो जाती हैं। जीवन निर्वाह के लिए हमारी संज्ञानात्मक शक्तियाँ बहुत महत्वपूर्ण हैं। पर्यावरण की बदलती दशाओं के अनुरूप अपने को ढालने में दूसरी प्रजातियों को पतिवर्तन, पंखों, फरों और विलक्षण गुण विकसित करने  का लाभ मिलता है। इसके विपरीत, मनुष्य सोचने पर निर्भर करते हैं जिसके द्...

D.El.Ed. Course 504 अगर गणित तार्किक है, तो साबित करें- 1+1= 3.

Ravi Kant Bhakat: प्रश्न :- अगर गणित तार्किक है,  तो साबित करें- 1+1= 3. उत्तर:- जैसे कि हम सब जानते हैं, 1 + 1 = 3  कभी नहीं हो सकता। लेकिन हम सब जानते हैं, गणित एक तार्किक है।अतः तर्क के सहारे हैं साबित करेंगे कि एक  और एक जोड़ने से तीन आता है। जैसे कि हम जानते हैं 2 + 2 = 4  होता है। और - 5 + 5 = 0 अतः 4 के साथ - 5 + 5  जोड़ने से 4 का मान में कोई  परिवर्तन नहीं होगा। इसलिए 2 + 2 = 4+(- 5 +5) लिख सकते हैं। पुनः हम जानते हैं कि a = √(a)² होता है। 2 + 2 = √( 4 - 5 )² + 5  लिख सकते हैं। फिर √( a - b )² = a² - 2ab + b² होता है। अतः 2 + 2 = √(4² - 2x4x5 + 5²) + 5 होगा। या 2 + 2 = √( 16 - 40 + 25 ) + 5 या 2 + 2 = √( 41 - 40 ) + 5 या 2 + 2 =√(1) + 5 या 2 + 2 = 1 + 5 इसके बाद दोनों पक्ष को 2 से भागा देने पर       (2 + 2 ) / 2 = ( 1 + 5 )/2 या  4 / 2 =  6 / 2 या  2 = 3 या  1 + 1 = 3  proved.                        © Please like and co...